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ई-रूपी क्या है (What is e-RUPI) ... यह एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है..

Date : 05-Aug-2021

ई-रूपी क्या है (What is e-RUPI) ... यह एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है..

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने  02.08.2021, सोमवार को डिज़िटल पेमेंट प्लेटफॉर्म e-RUPI को लॉन्च किया। इस प्लेटफॉर्म को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान शुरू किया गया, जिसमें पीएम मोदी ने कहा, आज देश डिज़िटल ट्रांजैक्शन को एक नया आयाम दे रहा है। e-RUPI से यह प्रक्रिया और आगे बढ़ेगी। e-RUPI इलेक्ट्रॉनिक वाउचर है, जो लाभार्थियों को SMS या क्यूआर कोड के रूप में प्राप्त होगा और इसे बिना क्रेडिट या डेबिट कार्ड, मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के ही खास सेंटर्स पर रिडीम कराया जा सकता है।

 

-रुपी का उद्देश्य क्या है?

बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी और धीरे-धीरे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को -रुपी के दायरे में लाएगी। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इससे बिना किसी बिचौलिए के सर्विस प्रोवाइडर्स को टाइम पर पेमेंट मिल जाएगा। इससे समय की बचत भी होगी और कोई हेरफेर भी नहीं होगी।

 

वीडियो कॉन्फ्रेंस में PM Modi ने कहा कि यह एक ऐसा सिस्टम है, जिसमें पारदर्शी और आसान तरीके से लेन-देन संभव होगा। बता दें कि e-UPI के जरिए सरकार ही नहीं, बल्कि कोई सामान्य संस्था या संगठन भी लाभार्थी के इलाज, पढ़ाई या अन्य किसी काम के लिए मदद कर सकता है। इसके लिए लार्भाती को कैश के बजाय e-RUPI दे सकते हैं और e-RUPI यह सुनिश्चित करेगा कि लाभार्थी को मिला वाउचर (डिज़िटल धन) केवल उसी काम में लगे, जिसके लिए वो वाउचर दिया गया है। इसका उदाहरण देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यदि सरकार द्वारा किताबों के लिए पैसा भेजा गया है, तो e-RUPI सुनिश्चित करेगा कि किताबें ही खरीदी जाएं। यूनीफॉर्म के लिए भेजे गए पैसे उसी के उपयोग में खर्च हो और खाद के लिए भेजे गए पैसे उसी काम में खर्च किए जाए।

 

e-RUPI प्लेटफॉर्म को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज, मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने मिलकर लॉन्च किया है। इस सिस्टम को एनपीसीआई ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म के ऊपर बनाया है और सभी बैंक इसे जारी करेंगे। इसके तहत कोई भी कॉरपोरेट या सरकारी एजेंसी लाभार्थी या खास उद्देश्य के साथ भुगतान करेंगे। लाभार्थी की पहचान मोबाइल नंबर के जरिए होगी और सर्विस प्रोवाइडर को वाउचर जनरेट करने के लिए बैंक से संपर्क करना होगा। बैंक सेवा प्रदाता को वाउचर आवंटित करेगा, जिसके बाद इस वाउचर को लाभार्थी को जारी किया जाएगा। जैसा कि हमने बताया, लाभार्थी केवल उसी काम के लिए इस वाउचर का इस्तेमाल कर सकेंगे, जिसके लिए यह वाउचर जारी किया गया है।

-रुपी कैसे काम करता है? ( how does e-Rupi work )

अब तक कैश, या पेटीएम ( Paytm ), गूगल पे ( Google Pay ) जैसे डिजिटल पेमेंट ऐप्स के जरिए भुगतान किया जा रहा है। लेकिन, सरकार अब वाउचर के जरिए भुगतान करने के लिए -रुपी लॉन्च करने जा रही है। उपभोक्ता के मोबाइल फोन पर क्यूआर कोड या स्ट्रिंग वाउचर के रूप में एसएमएस के जरिए मिलेगा। -रुपी में थर्ड पार्टी पेमेंट गेटवे शामिल नहीं है। लाभार्थी किसी भी कार्ड, नेट बैंकिंग, डिजिटल भुगतान ऐप की परवाह किए बिना नकद के बदले इस कोड या वाउचर का उपयोग कर सकते हैं। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान प्राधिकरण (एनपीसीआई) द्वारा डिजाइन किया गया -रुपी केंद्रीय वित्त मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के बीच एक सहयोग है। क्यूआर कोड या एसएमएस के रूप में आने वाले स्ट्रिंग वाउचर को संबंधित वाणिज्यिक और व्यावसायिक संस्थाओं में भुनाया जा सकता है।

 

-Vijay Banka